Indian Army के इस जांबाज अफसर से कांपता है दुश्मन, बनाई देश की पहली 9 mm गन
लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद बंसोड़ सुर्खियों में हैं. इन्होंने DRDO और ARDE के सहयोग से देश का पहला स्वदेशी रूप से विकसित 9mm Machine Pistol बनाया है.
जल्द ही देश की पहली स्वदेशी 9 मिमी मशीन पिस्टल सैनिकों के हाथ में होगी. (फाइल फोटो)
जल्द ही देश की पहली स्वदेशी 9 मिमी मशीन पिस्टल सैनिकों के हाथ में होगी. (फाइल फोटो)
India’s first indigenous 9 mm Machine Pistol : आर्मी के एक ऑफिसर अभी सुर्खियों में हैं. ये हैं- लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद बंसोड़ (Lt Col Prasad Bansod). महू इन्फैंट्री स्कूल ( Infantry School, Mhow) के बंसोड़ ने भारत की पहली स्वदेशी 9 मिमी मशीन पिस्टल विकसित की है. बंसोड़ ने इसे DRDO और ARDE के सहयोग से बनाया है. इस Army Officer की चर्चा आज पूरे देश में हो रही है और हर हिंदुस्तानी उनपर नाज़ कर रहा है.
पहली स्वदेशी 9 मिमी मशीन पिस्टल (First indigenous 9 mm pistol)
जल्द ही देश की पहली स्वदेशी 9 मिमी मशीन पिस्टल सैनिकों के हाथ में होगी. और इसे बनाया है खुद एक सैनिक ने, जिसे नाम दिया गया है- "ASMI".
महू इन्फैंट्री स्कूल ( Mhow Infantry School) के इस युवा अधिकारी की मेहनत रंग ला रही है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और Armament Research & Development Establishment-ARDE पुणे की से सहायता से इसे तैयार किया गया है. खास बात ये है कि सिर्फ 4 महीने में इसे डेवलेप किया गया है.
ये है खासियत (Specialty of this pistol)
Hindustan times की खबर के मुताबिक खाली रहने पर इसका वजन सिर्फ लगभग 2 किलोग्राम रहता है. इसमें 8 इंच का बैरल और 33 high capacity magazine की क्षमता है. इसके ऊपरी रिसीवर में full-length integral Picatinny rail है जो सभी आधुनिक स्कोप / ऑप्टिक्स और सहायक उपकरण के फिट हो सकते हैं. 12 and 6 O’clock direction के साथ इसमें 3 and 9 O’Clock direction वाले M-Lok (Modular Lock) slots भी हैं. 'ASMI’ का अपर रिसीवर Aircraft grade Aluminium से बनाया गया है वहीं lower receiver Carbon Fibre से बना है. यह 3D printing process द्वारा बना है जिसमें मेटल 3 डी प्रिंटिंग द्वारा बनाए गए trigger components शामिल हैं.
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ASMI यानि गर्व, आत्म सम्मान और कड़ी मेहनत (ASMI-pride, self respect and hard work)
इस स्वदेशी हथियार को 'ASMI' नाम दिया गया है जिसका अर्थ है "गर्व" "आत्म सम्मान" और कड़ी मेहनत. यह Armed Forces में कमांडरों, टैंकों और एयरक्राफ्ट क्रू के लिए काफी मददगार होगा. वहीं Radio, Radar operators के साथ ही पुलिसिंग और VIP protection में लगे सुरक्षर्मियों के लिए भी यह मददगार होगा. और हां इसकी कीमत सुनकर शायद आप यकीन ना करें. विदेशी हथियारों की तरह इसकी कीमत लाखों में नहीं बल्कि इसका production cost सिर्फ 50000 रुपये रहने की संभावना है. Central Police Organizations ही नहीं बल्कि State Police services में इस पिस्टल का दबदबा होगा. 'ASMI' दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ-साथ दूसरे देशों को निर्यात भी किया जा सकता है.
भारतीय सेना में स्वदेशीकरण (Indigenization in the indian army)
भारतीय सेना के officers आत्मनिर्भरता के साथ आर एंड डी-Research & Development पर ज्यादा focus के लिए कह रहे हैं. Make-II में निजी क्षेत्र की कंपनियां अपने दम पर product development कर सकती हैं, और अपने उत्पादों की services के लिए उन्हें बढ़ावा देने की भी परमीशन दी गई है.
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04:23 PM IST